आर एस एस का प्रचार तन्त्र व्हाट्सएप्प के जरिये जनता में गलत जानकारियों को फैला कर अपनी पछड़ी विचारधारा का आधार तैयार करने की मुहीम पर लगा है. इनकी भेजी पोस्टों को अक्सर लोग थोड़ा सा पढ़ कर कुछ ठीक लगते ही आगे फॉरवर्ड करने के आदि हैं. इसका नतीजा के इन्हें अपने कुप्रचार तन्त्र को फैलाने का बहुत बड़ा नेटवर्क मुफ्त में मिल जाता है. हमने कई बार एक साधारण सा काम किया, कि उनकी प्रचार समग्र में इस्तेमाल आंकड़े, नामों को गूगल इतियादी पर सर्च किया. हमने पाया कि जानकारी, गलत, अधूरी या निराधार होती है. लेकिन इतनी जहमत उठाये बिना बहुत से लोग इस जानकारी को,रोचक, अचम्भा जनक या बेहद नयी मालूम पड़ते ही आगे फॉरवर्ड करके 'फर्स्ट' आने की कोशिश करते हैं. अक्सर ही यह जानकारी हमारे साधारण सांस्कारिक ज्ञान एवं मान्यताओं के साथ मिलती जुलती या उसे साबित करती हुई लगती है, यही वजह है कि अक्सर व्यक्ति किसी मित्र या परिचित से हुई किसी बहस में अपना नुक्ता साबित करने के लिए भी ऐसी जानकारी को फॉरवर्ड करते हैं.
कुल मिला कर यह हमारे समाज की तर्क क्षमता को कुंठित कर दकियानूस विचारों की जगह बनाने की मुहीम है. इसका जवाब देना होगा.
हम यहाँ यह कोशिश कर रहे हैं कि इस तरह के जितने भी मैसेज या पोस्ट हमारे पास आएं, उनकी तथ्यता, तार्किकता को सबके सामने लाएं. इससे संघी कुप्रचार के खिलाफ एक असरदार प्रहार भी हो सकेगा और उनकी प्रचारधारा को समग्रता में समझने का मौका भी मिल पायेगा.
आप सभी अनुरोध है कि इस कोई मैसेज, या उस के साथ सम्बन्धित तथ्य या दोनों आप हमें भेज सकते हैं थोड़ी जांच करने के बाद हम उन्हें पब्लिश कर देंगें.
सहयोग की उम्मीद सहित
कंवलजीत
रेबेल स्टूडियोज़